भगवान ने केवल दो जातियाॅ स्त्री-पुरुष बनायेी उनके अपने गुण-धर्म अलग-अलग हैं इनका रहन-सहन एक जैसा है वस्तुतः ये एक दूसरे के पूरक हैं ये समाज का सृजन करते हैं यह जिस समाज का सृजन करते हैं उसे अधिक खुशहाल बनाने के लिए सतत् प्रतिबद्व रहते हैं