Abstract : भारतीय इतिहास में अठारहवीं शताब्दी में मुगल साम्राज्य के पतन के बाद क्षेत्रीय शक्तियों के उदय की अवधि माना जाता है, जिसके दौरान कई रियासतों ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण में योगदान दिया, जिनमें से सबसे उल्लेखनीय पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर (1725-1795) हैं।