Abstract : कन्नमड़ साहित्यय में ‘आस्था्न कवि’ यानी दरबारी कवि कहने वाले श्रेष्ठ् रचनाकार अपने आश्रय दाता को नायक के रूप में प्रस्तुलत कर काव्य’ रचना करते थे। साथ ही अपना धर्म के प्रति आस्था दर्शाने हेतु एक ग्रंथ लिखकर समर्पित करते थे। इसी श्रेणी में सृजन कार्य करनेवाले, अभिनवपंप के नाम से प्रसिद्ध नागचन्द्रस ने जैन धर्म के 19 वाँ तीर्थंकर मल्लिनाथ के जीवन चरित्र पर आधारित ‘मल्लिनाथ पुराण’ नामक एक महाकाव्यन लिखा है।