मैत्रेयी पुष्पा नई पीढ़ी के उपन्यासकारों में अपना विशिष्ट स्थानरखती है । मध्यमवर्ग का ही नहीं बल्कि आदिवासी लोगों का जीवनउन्होंने करीबी से देखा और चित्रित किया। ग्राम्य और नारी जीवन हीउनकी अभिव्यक्ति का केन्द्रबिन्दु रहा।