धरती पर जब से मनुष्य अस्तित्व में आया है, समानता का प्रश्न सम्भवतः अधिक विचार-विमर्श का मुद्दा रहा है। दो व्यक्तियों के बीच न केवल बाह्य-शारीरिक संरचना में ही भिन्नता विद्यमान होती है।