उपेक्षित समाज की अवधारणा
Volume : IV Issue : XI July-2018
प्रा.प्रशांत नारायण ढेपे
ArticleID : 473
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Abstract :

भारतीय समाज व्यवस्था विश्व में एक निराली समाज व्यवस्था हैं । यहाॅं समाज सुगठित नहीं है, वह विभिन्न जाति समूह में बंटा हुआ हैं । यह जाति समूह एक दूसरे से टूटे हुए नजर आतें हैं । हिंदू धर्मव्यवस्था के चातुर्वण्र्य के आधार पर समाज का विभाजन हुआ हैं ।

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