मध्यवर्गीय जीवन को चित्रित करती समय डॉ. नीरजा माधव की दृष्टि सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक और साहित्यिक इन पक्षो पर केंद्रित हुई है | जैसे – जैसे भारत में पुंजीवादी अर्थव्यवस्था का विकास होता गया