प्रगतिवादी कवि नागार्जुन
Volume : III Issue : IV December-2016
प्रा. डॉ. सौ. सुरैय्या इसुफअल्ली शेख
ArticleID : 312
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नागार्जुन को प्रगतिशील काव्यधारा का आधार कवि माना जाता है| वे हिन्दी साहित्य की सबसे अमुल्य निधि है| उनकी पैठ ऊँची अटटालिकाओ से दूर दराज बसे गाँवो की चॉपालो और झोपडियो तक रही| नागार्जुन ने जीवन को उसके विविध रुपों में जटिल.,,,,

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