बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का व्यक्तित्त्व एक सतत संघर्ष की प्रक्रिया में तप कर निर्मिती हुआ है| डॉ. अम्बेडकर ने अपने आत्मा- विश्वास एवं आत्मा- शक्ती को समाज की बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष करते हुए मजबूत कर लिया|