Abstract : बाबर के आक्रमण के समय देश धनधान्य से पूर्ण था । भारत सोने की चिडिया कहलाता था । महमूद गजनवी अपने आक्रमणों द्वारा इस देश से अतुल धन-सम्पत्ति ले गया था, परंन्तु बाबर के आक्रमण के समय भी देश में धन की प्रचुरता थी। पानीपत और खानवा में अपनी विजय की खुशी में बाबर ने अपने पुत्रों रिश्तेदारों और सरदारों में इस देश में प्राप्त दौलत खुले दिल से बाँटी । इतना ही नहीं, मक्का-मदीना को भी धन भेजा गया और काबुल में हर व्यक्ति को चाँदी का एक रुपया दिया गया ।