Abstract : युवा किसी भी समाज और राष्ट्र का भविष्य होते हैं। महात्मा गांधी ने युवाओं को राष्ट्रीय व्यंजन में नमक की संज्ञा दी थी। विद्यार्थी जीवन, जो युवावस्था का स्वर्णिम काल माना जाता है, वह निर्माण और सर्जन का समय होता है। इस दौरान युवाओं को समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना और निभाना होता है।