Abstract : भाषा मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है मनुष्य अपने व्यवहारों की आपूर्ति करने हेतु भाषा का सुचारु प्रयोग करता है भाषा के इतिहास में यह देखा गया है कि जब पहले मनुष्य के पास उसकी अपनी भाषा नहीं थी तब भी वह किसी ने किसी प्रकार से भाषा का प्रयोग कर अपने उद्देश्य की आपूर्ति कर रहा था।